उत्तराखंड में धान और मांडवा की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. फसल खरीद के 72 घंटे के भीतर ही किसानों को फसल का पैसा दे दिया जाए, इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने 600 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित कर दिया है.
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने मंगलवार को सचिवालय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की बैठक में खरीफ की फसलों, धान और मंडुवा की खरीद की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक के दौरान मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को आदेश दिए कि इस बार किसानों को उनकी उपज का भुगतान नियम के अनुसार, 48 से 72 घंटे के भीतर हर हाल में किया जाए.
भारत सरकार ने इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2369 रुपये प्रति क्विंटल और मंडुवा का 4886 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. किसानों को समय पर लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने पहले से ही 600 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान कर दिया है.
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि फसल भंडारण के लिए गोदाम की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और खरीद के लिए जूट के बैग की पर्याप्त उपलब्धता हर खरीद स्थल पर उपलब्ध होगी, इससे संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं. बैठक में एफसीआई, मंडी समिति और राइस मिल संगठन के प्रतिनिधियों की ओर से रखी गई मांगों पर भी शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया गया है.
खरीद केंद्रों की संख्य बढ़ी: बैठक के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि इस साल प्रदेश में धान खरीद का लक्ष्य साढ़े सात लाख मीट्रिक टन और मंडुवा खरीद का लक्ष्य पांच हजार मीट्रिक टन रखा किया गया है. इस साल गढ़वाल और कुमाऊं दोनों मंडलों में फसलों की खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है. गढ़वाल मंडल में पिछले साल 120 खरीद केंद्र थे. जबकि इस साल 135 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे.
इसी क्रम में कुमाऊं मंडल में पिछले साल के 564 खरीद केंद्र बनाए गए थे. जबकि इस साल 600 खरीद केंद्र बनाए जा रहे हैं. ताकि किसान अपनी फसलों को आसानी और समय से खरीद केंद्रों पर बेच सकें













Leave a Reply