रामनगर, भिकियासैंण: अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण-बासोट मोटर मार्ग पर अचानक पहाड़ी से गिरे पत्थरों ने एक ग्रामीण की जिंदगी संकट में डाल दी. हादसे में ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर करना पड़ा है.
भिकियासैंण में पहाड़ी से बरसे पत्थर और बोल्डर: उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश के बाद जन जीवन अस्त व्यस्त है. अल्मोड़ा जिले में लगातार हो रही बारिश अब स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. भूस्खलन और पहाड़ी दरकने की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं. मंगलवार की शाम को भिकियासैंण-बासोट रोड पर एक बड़ी दुर्घटना हुई. जब अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे और पीपलगांव निवासी फकीर सिंह इसकी चपेट में आ गए.
जानकारी के मुताबिक फकीर सिंह देर शाम भिकियासैंण बाजार से अपने घर लौट रहे थे. जैसे ही वह बाजार से लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे बढ़े अचानक ऊपर से भारी पत्थर गिरने लगे. इससे वह सड़क पर ही दबकर घायल हो गए. हादसे के बाद आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें सड़क से उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण पहुंचाया. सीएचसी भिकियासैंण में डॉक्टरों ने घायल के सिर और पैर में गंभीर चोटें पाई. प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है. पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरते रहते हैं. कई बार यात्री और वाहन इसकी चपेट में आने से बाल-बाल बचते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि इस सड़क पर सुरक्षा इंतज़ाम बेहद कमजोर हैं. न तो सुरक्षात्मक दीवारें बनी हैं और न ही खतरे वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं.
गांव वालों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क पर सुरक्षा उपाय किए जाएं. पत्थर रोकने के लिए जालीदार बैरिकेड लगाए जाएं. खतरे वाले स्थानों पर चेतावनी संकेतक लगाए जाएं. साथ ही बरसात के मौसम में सड़क पर नियमित गश्त और निगरानी टीम तैनात की जाए ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके.
इधर रामनगर-भंडारपानी मार्ग पर टेड़ा गांव के पास भारी बारिश के कारण अचानक बरसाती नाला उफान पर आ गया. इस नाले का पानी सड़क पर फैलने से मार्ग घंटों तक ठप रहा. दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि एंबुलेंस सेवा तक प्रभावित हो गई. जानकारी के मुताबिक अमगढ़ी पाटकोट क्षेत्र से एक मरीज को लेकर आ रही 108 एम्बुलेंस इसी नाले के किनारे फंस गई. नाले का पानी कम होने का इंतजार करते हुए एम्बुलेंस घंटों तक रुकी रही. इस दौरान मरीज और परिजनों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार ऐसे हालात में मरीजों की जान तक खतरे में पड़ सकती है.
इसी बीच लापरवाही की एक और तस्वीर सामने आई. जब बरसाती नाले का जलस्तर कुछ देर के लिए थोड़ा कम हुआ, तो एक पिकअप वाहन चालक ने जोखिम उठाते हुए गाड़ी को उफनते नाले में डाल दिया. तेज बहाव के बीच वाहन डिसबैलेंस हो गया और लड़खड़ाने लगा. गनीमत रही कि चालक ने किसी तरह वाहन को संभाल लिया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. पिकअप को देखकर कई अन्य वाहन चालकों ने भी नाले में अपनी गाड़ियां उतार दीं. नतीजा यह हुआ कि कई वाहन बीच धारा में लड़खड़ाते नज़र आए.
टेड़ा गांव का गदेरा बना मुसीबत: स्थानीय निवासी नमित अग्रवाल का कहना है कि बरसात के मौसम में टेड़ा गांव के पास यह बरसाती नाला लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करता है. प्रशासन की ओर से कई बार चेतावनी और मुनादी की जाती है कि उफान पर आए नाले पार न किए जाएं, लेकिन लोग लापरवाही बरतते रहते हैं. नमित कहते हैं कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस उफनते नाले को पार कर रहे हैं.
स्थानीय निवासी नमित अग्रवाल का कहना है कि बरसात के मौसम में टेड़ा गांव के पास यह बरसाती नाला लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करता है. प्रशासन की ओर से कई बार चेतावनी और मुनादी की जाती है कि उफान पर आए नाले पार न किए जाएं, लेकिन लोग लापरवाही बरतते रहते हैं. नमित कहते हैं कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस उफनते नाले को पार कर रहे हैं.
लगातार बारिश से रामनगर में हालात खराब: लगातार बारिश से रामनगर और आसपास के क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है. कई छोटे मार्ग बंद हो चुके हैं और कुछ हिस्सों में जलभराव की समस्या भी सामने आई है. मौसम विभाग पहले ही अलर्ट जारी कर चुका है कि आने वाले दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. ऐसे में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और बरसाती नाले पार करने का जोखिम न लें. थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है.
Leave a Reply