बनभूलपुरा क्षेत्र में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की हालिया छापेमारी के बाद पूरे प्रदेश में फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान तेज हो गया है। हर जिले की तहसीलों में स्थायी निवास प्रमाण पत्र (PRC) से जुड़े मामलों की गहन जांच की जा रही है।
150 PRC की जांच में बड़ा खुलासा, 48 प्रमाण पत्र रद्द
हल्द्वानी तहसील में पिछले पाँच वर्षों में जारी किए गए 150 स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान चौंकाने वाली बातें सामने आईं। जांच टीम को कई प्रमाण पत्रों में लगे दस्तावेज संदिग्ध लगे।
एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि ऐसे 48 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, जिन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। प्रशासन इस कार्रवाई को डेमोग्राफी चेंज से जुड़े मामलों पर सख्ती के तौर पर देख रहा है।
अरायजनवीस पर प्रशासन की निगाहें तेज, नोटिस जारी
एसडीएम के अनुसार प्रतिदिन दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है और प्रयास है कि अगले 10–15 दिनों के भीतर सभी PRC की जांच पूरी कर ली जाए।
इसके अलावा कई अरायजनवीस (दस्तावेज लेखक) भी जांच के रडार पर हैं।
कुछ दस्तावेज़ लेखकों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है।
यदि किसी अरायजनवीस का लाइसेंस अवैध या संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाया गया, तो उसका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
हल्द्वानी में डेमोग्राफी चेंज से जुड़े मामलों पर सरकार और प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले और इसमें शामिल मध्यस्थों पर अब बड़ी कार्यवाही जारी है, जो आने वाले दिनों में और तेज होने की उम्मीद है।












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