देहरादून: एयर मार्शल सुनील काशीनाथ ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (नैनीताल) का दौरा किया. जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान एयर मार्शल को कैडेटों ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के अलावा शानदार बैंड प्रदर्शन के साथ सलामी दी. उन्होंने एकेडमिक कप्तानों को सम्मानित भी किया.
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल पहुंचे एयर मार्शल सुनील काशीनाथ: दरअसल,यानी 21 जुलाई को एयर मार्शल सुनील काशीनाथ विधाते (एवीएसएम, वाईएसएम, वीएम) सैनिक स्कूल घोड़ाखाल पहुंचे. एयर मार्शल विधाते सैनिक स्कूल सतारा के पूर्व छात्र हैं. जो भारतीय वायुसेना में 13 जून 1987 को फाइटर पायलट के रूप में कमीशंड हुए थे.
घोड़ाखाल सैनिक स्कूल परिसर में उनके स्वागत के लिए एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. जहां प्राचार्य ग्रुप कैप्टन विजय सिंह डंगवाल ने उनका स्वागत किया. एयर मार्शल को प्रधानाचार्य ने आर्मी स्कूल के विकास कार्यों से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट की जानकारी दी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद एयर मार्शल विधाते ने अपने संबोधन के साथ कैडेटों को रक्षा सेवाओं में करियर बनाने के लिए उत्साह, समर्पण और कठोर परिश्रम के साथ तैयार होने का गुरु मंत्र दिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सफलता के लिए संघर्ष बेहद जरूरी हैं, लेकिन इसके साथ साथ असफलताओं को स्वीकार कर उनसे सीखने की क्षमता भी अपने अंदर विकसित करें.
इस मौके पर उन्होंने एकेडमिक कप्तानों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. कार्यक्रम के प्राचार्य ने सभी कैडेट्स और स्टाफ की ओर से एयर मार्शल को एक स्मृति उपहार भेंट किया. उनका कहना था कि एयर मार्शल का यह दौरा निश्चित तौर पर कैडेटों को नई ऊर्जा और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता प्रदान करेगा.
साल 166 में 21 मार्च को सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की स्थापना हुई थी. इसके नाम से एक रोचक घटना भी जुड़ी हुई है. साल 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों से बचने के लिए एक ब्रिटिश जनरल इस क्षेत्र में भटक रहा था. जहां तालाब से पानी पीते समय इस ब्रिटिश जनरल के घोड़े की अचानक मौत हो गई. तब से स्थानीय लोगों ने इस जगह के नाम को घोड़ाखाल रख दिया.
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