पिथौरागढ़: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां हैं. कल गुरुवार 24 जुलाई को पहले चरण का मतदान होना है. दूरस्थ इलाकों के मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियां पहले ही रवाना की जा रही हैं. पहाड़ी जिलों में दुर्गम स्थानों पर भी मतदान केंद्र हैं. इन मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई है और पोलिंग पार्टियों को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ रहा है. पिथौरागढ़ जिले में मतदान केंद्र को जा रहे एक मतदान कर्मी को रास्ते में हार्ट अटैक आ गया.
पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र मुनस्यारी विकास खंड में कल 24 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना है. मुनस्यारी में सड़क से चार किलोमीटर दूर बने बूथ तक पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़ रहे मतदान कर्मी को रास्ते में ही हार्ट अटैक आ गया. हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई. वहीं एक अन्य बूथ पर जा रहे पीठासीन अधिकारी का बदहाल रास्ते पर फिसलने से पैर फ्रैक्चर हो गया. उन्हें हायर सेंटर रेफर करना पड़ा.
पिथौरागढ़ जिले में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है. साथ ही रास्ते बदहाल हो गए हैं. इन मार्गों से मतदान कर्मी जान जोखिम में डालकर अपने बूथों तक पहुंच रहे हैं. मुनस्यारी विकासखंड के पोलिंग बूथ के लिए मंगलवार को 60 पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया. सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक 44 वर्षीय मनीष पंत और उनकी टीम प्राथमिक विद्यालय गोल्फा में बने बूथ के लिए रवाना हुई.
सड़क का सफर तय कर टीम चार किलोमीटर दूर पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़ रही थी. इस बीच मनीष पंत के सीने में तेज दर्द उठा और वह बेहोश हो गए. कुछ ही देर में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. सूचना के बाद उनके शव को रेस्क्यू करने टीम भेजी गई. उनकी जगह अन्य कर्मी को रवाना किया गया. मनीष पंत का परिवार वर्तमान में पिथौरागढ़ में रहता है. वो मूल रूप से बेरीनाग निवासी थे. मनीष के शव को जिला मुख्यालय लाने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा जा रहा था. लेकिन मौसम खराब होने के कारण अब सड़क मार्ग से ही शव को पिथौरागढ़ लाया जा रहा है. इस घटना पर कर्मचारियों ने शोक व्यक्त किया है.
वहीं एक दूसरी घटना में पीठासीन अधिकारी गिरकर घायल हो गए. पीठासीन अधिकारी गौरव कुमार चामी भैंसकोट बूथ पर मतदान संपन्न कराने अपनी टीम के साथ रवाना हुए. बूथ से कुछ ही दूरी पर बदहाल रास्ते पर वो फिसल गए और उनका पैर फ्रैक्चर हो गया. उन्हें रेस्क्यू कर नाचनी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया. रेस्क्यू टीम उन्हें लेकर जिला मुख्यालय को रवाना हुई. उनकी जगह अन्य पीठासीन अधिकारी को भेजा गया.
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