देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में स्थानांतरण पॉलिसी 2025 को लागू करने पर भले ही कई तरह की चर्चाएं चल रही हो, लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि आगामी विधानसभा सत्र के चलते स्थानांतरण पॉलिसी को इस बार लागू नहीं कराया जा सका है. सचिवालय में इन चर्चाओं के बीच कई अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रमोशन का तोहफा भी दे दिया गया है.
उत्तराखंड में इस बार विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैंण स्थित भराडीसैंण विधानसभा में होने जा रहा है. इसकी तारीख पहले ही तय की जा चुकी है. इस बार विधानसभा का सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त तक चलने की उम्मीद है. उधर दूसरी तरफ मुख्य सचिव आनंद वर्धन के हस्ताक्षर से 14 जुलाई को सचिवालय सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वार्षिक स्थानांतरण नीति 2025 निर्धारित की गई. ऐसे में सचिवालय सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के बड़े स्तर पर बदलाव की स्थिति विधानसभा सत्र से जुड़ी तैयारी पर असर डाल सकती थी. शायद इन्हीं पहलुओं को देखते हुए सचिवालय में बड़े स्तर पर तबादले नहीं किया जा सके.
दूसरी तरफ सचिवालय प्रशासन ने 1 अगस्त को कई अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन से जुड़े आदेश जारी किए हैं. प्रमोशन पाने वालों में सुनील सिंह को संयुक्त सचिव से अपर सचिव पद पर पदोन्नति किया गया है. इसी तरह उपसचिव अर्पण कुमार राजू और अनिल जोशी को संयुक्त सचिव पद पर पदोन्नति मिली है. अनु सचिव सुभाष चंद्र और प्रीति तिवारी को उपसचिव पद पर पदोन्नति मिली है. लेखा संवर्ग में अनु सचिव देवेंद्र सिंह को उपसचिव पद पर पदोन्नति किया गया है. इसके अलावा अनुभाग अधिकारी भवानी राम आर्य, नवल किशोर ओझा, विमल चंद्र भट्ट और संदीप शर्मा को अनु सचिव पद पर पदोन्नति मिली है.
वार्षिक स्थानांतरण नीति 2025 में विभिन्न नियमों के अनुसार बड़े स्तर पर बदलाव की भी तैयारी चल रही है. खास बात यह है कि इसके लिए अब होमवर्क पूरा कर लिया गया है. नियमावली के लिहाज से अनिवार्य स्थानांतरण की सूची में आने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के नाम भी सूचीबद्ध कर लिए गए हैं. माना जा रहा है कि अब जल्द ही इस पर आगे का होमवर्क भी पूरा कर लिया जाएगा. जल्द ही उत्तराखंड सचिवालय में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
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