बागेश्वर)। बेटा परदेश में नौकरी करके घर का खर्च चलाता था। पता नहीं अब कहां गया होगा। कोई मेरी मदद करो। मेरे बेटे की सूरत एक बार मुझे दिखा दो। यह दर्द है 70 साल की हीरा देवी का। उनकी आंख से लापता बेटे के लिए आंसू बह रहे है।
विगत 16 अक्तूबर को साउथ आफ्रीका के मोजांबिक शहर में हुई नाव दुर्घटना के बाद से लापता है। उसकी पत्नी और बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
कौलाग निवासी नंदन सिंह (37) पुत्र स्व. हेम सिह मर्चेंट नेवी में 15 साल से कार्यरत हैं। मोजांबिक के बेड़रा बंदरगाह में दुर्घटनाग्रस्त नाव में वह भी सवार था। घटना के बाद से उससे संपर्क नहीं हो सका है। घर में बूढ़ी माता, पत्नी गीता देवी,
मोजांबिक में हुई नाव दुर्घटना में कौलाग का युवक लापता
नौ साल का पुत्र रितिक और छह साल का भावेश के कान उनके शब्द सुनने के लिए तरस गए हैं। रह-रहकर परिजन उसके फोन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
परिवार के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी नंदन पर है। परिजनों का कहना है कि उसकी कंपनी से संपर्क करने पर भी कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। कंपनी की ओर से उसके लापता होने और रेस्क्यू जारी होने की बात कही जा रही है।
परिजनों की मायूस आंखें रोज गांव के रास्ते का ताकती रहती हैं। कोई जानकारी नहीं होने से अब उम्मीद मायूसी में बदलने लगी है। बूढ़ी मां और बिलखती पत्नी ने नंदन का पता लगाने की गुहार लगाई है।













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