प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थी निर्माण कंपनी की लापरवाही का शिकार बने
निर्माण कंपनी के द्वारा मकानो की गुणवत्ता में कमी
अधिकारियों के द्वारा बड़े-बड़े कार्यक्रम कर बड़े-बड़े पोस्टर में चाबियां लाभार्थियों को सौंप दी गई और अब कागजों में आवास योजना का कब्जा दिखाकर लाभार्थियों के हक लगातार खिलवाड़ चल रहा है
काशीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का आशियाना गरीबों को इसलिए बना कर दिया गया था तब ताकि आवासहीन लोगों को अपना घर मिल सके परंतु हकीकत कुछ और ही होती जा रही है।
गंगापुर गोसाई आवास योजना काशीपुर में 584 मकान का निर्माण किया गया है जिसमें अधिकारियों और निर्माण कंपनी की लापरवाही के चलते मार्च 2025 में निर्माण कंपनी के द्वारा लाभार्थियों को कब्जा पत्र दिया जा चुका है परंतु चार महीने बीत जाने पर भी आज तक उनको अपना आवास नहीं मिल पाया है। मजेदार बात यह है कि उसे कब्जे पत्र में स्पष्ट रूप से सारे कार्य पूर्ण होकर कब्जा लाभार्थी को दिए जाने का विवरण लिखा गया है परंतु फिर भी निर्माण कंपनी की तानाशाही के चलते अधिकारियों की मिली भगत से लाभार्थियों के अधिकार से खिलवाड़ करते हुए अभी तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। अभी तक निर्माण कंपनी के द्वारा सीवर सिस्टम तैयार नहीं किया गया जिससे शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सकता मकानों में बाथरुम, शौचालय, रसोईघर में पानी की सप्लाई अभी तक नहीं दी गई है और ना ही उसमें टोटियां लगी है। निर्माण कंपनी के द्वारा अभी तक मकान पूर्ण रूप से तैयार नहीं किए गए परिसर की रोड अभी तक पूर्ण नहीं की गई है।
बैंक की लापरवाही का शिकार लाभार्थी किस प्रकार से बने
बैंक के द्वारा लाभार्थियों को आवास ऋण उपलब्ध उपलब्ध कराने के उपरांत बैंक ने लाभार्थी को ब्याज जमा करने की कोई सूचना नहीं दी और किस्त शुरू होने की कोई सूचना भी बैंक के द्वारा लाभार्थी को नहीं दी गई अधिकांश लाभार्थी ऐसे हैं जिनका बैंक ब्याज लगभग 30 से 35 हजार बकाया आठ किस्तों का 32 रुपया हो चुका है कुल मिलाकर 60 से 65 हजार रुपए लाभार्थी को अभी बैंक का बकाया जमा करना है।देखने वाली बात यह है कि समय पर सूचना नहीं करने का खामियाजा लाभार्थी को भुगतना पड़ेगा। एक मध्यम परिवार का व्यक्ति जो किराए के मकान ने रह कर अपना जीवन यापन कर रहा था और प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आवास के सपने देख रहा था आज 60 हजार रुपए से लेकर ₹65000 जमा कैसे करें यह उसके लिए एक बड़ा टास्क बन गया है शायद उन लोगों की सुनने वाला आज की तारीख में कोई नहीं है।
इस संदर्भ में हरदीप शर्मा, रवि कुमार, राहुल कुमार के द्वारा प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री उत्तराखंड और मुख्य सचिव उत्तराखंड सहित उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद को पत्र भेजकर निर्माण कंपनी की लापरवाही की जांच करने की मांग की है।
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