हैदराबाद: केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद बड़ी घोषणा की है. जहां दो 12 फीसदी और 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब खत्म कर दिए हैं. वहीं, 5 प्रतिशत और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को मंजूरी दे दी है. सरकार ने जनता को राहत देते हए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस से जीएसटी को पूरी तरह से समाप्त कर दिए हैं. जानकारी के मुताबिक पहले इन इंश्योरेंस पर 18 फीसदी टैक्स लगता था. इस फैसले के बाद से इंश्योरेंस लेना काफी सस्ता हो जाएगा और इस सेक्टर को नई उड़ान भी मिलेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया. इस पर सरकार ने कहा कि इस फैसले से देश की जनता को राहत मिलेगी और इंश्योरेंस लेना पहले के मुकाबले में सस्ता होगा. प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अब से सभी तरह की इंडिविजुल जीवन बीमा पालिसी चाहे वह टर्म लाइफ, यूलिप (यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) या एंडॉवमेंट पॉलिसी हों, ये सब जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगी. वहीं, दोबारा यानि रिइंश्योरेंस कराने पर भी किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा.
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि जीएसटी में यह सभी सुधार आम जनता को ध्यान में रखकर लिए गए हैं. लोगों पर टैक्स का ज्यादा बोझ ना बढ़े इसलिए यह फैसला लिया गया है. वहीं, किसान, कृषि सेक्टर और हेल्थ सेक्टर पर खासकर के ध्यान दिया गया है. इससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि पहले कोई शख्स अगर इंश्योरेंस लेता था तो उसे 18 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता था, इस वजह से पॉलिसियां महंगी हो जाती थीं, लेकिन अब से यह नहीं होगा. इससे जनता इसके प्रति आकर्षित होगी.
सरकार के इस कदम के बाद बीमा सेक्टर में तेजी देखने को मिलेगी. इससे कंपनियों को भी फायदा होगा. ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा करवाएंगे और देश में इसका कवरेज भी बढ़ेगा.
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