उत्तरकाशी : बीते दिन उत्तरकाशी जिले ने तबाही का जो मंजर देखा उसने पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया। आपको बता दें कि धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने से खीर गंगा नदी में अचानक सैलाब आया, जिसने भारी तबाही मचाई। लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे लेकिन आपदा इतनी भयावह थी कि किसी को मौका ही नहीं मिला, घटना के बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू किया। जहां प्रशासन ने मौत का आंकड़ा 4 बताया था वह अब बढ़ कर 10 हो गया है, की हां अब तक करीब 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया, कई घर, होटल, दुकानें, और प्रसिद्ध कल्प मंदिर बह गए। सैलाब की रफ्तार 43 किमी/घंटा थी, और 1230 फीट की ऊंचाई से मलबा 30-58 सेकंड में गांव तक पहुंचा, जिसने इमारतों को तिनके की तरह बहा दिया।
राहत और बचाव कार्य:
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी की टीमें युद्ध स्तर पर राहत कार्य में जुटी हैं। अब तक 138 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिसमें 60 को कोपांग आईटीबीपी कैंप और 50 को गंगोत्री पहुंचाया गया।
भारतीय वायुसेना के MI-17, चिनूक, और अन्य हेलिकॉप्टर राहत सामग्री और बचाव के लिए तैयार हैं, लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश रेस्क्यू में बाधा डाल रही है।
राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। 40वीं बटालियन पीएसी और आईआरबी-II, देहरादून की 140 जवानों की टीमें तैनात की गई हैं।
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (01374-222126, 01374-222722, 9456556431) जारी किए हैं।
सेंसर और अन्य तकनीकों का उपयोग मलबे में दबे लोगों की खोज के लिए किया जा रहा है।
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