मिल गया जंगली जानवरों से फसलों को बचाने का उपाय, पहाड़ों में अब नहीं होगी खेती बरबाद

पहाड़ों में इस वक्त मुख्य समस्या है जंगली जानवर को किसानों की खेती को लगातार बरबाद कर रहे है। जिनमें मुख्य बंदर कर सुअर है। पिछले जिले कई लंबे समय से  उत्तराखंड में पहाड़ों से लेकर मैदान तक किसानों की फसलों को मौसम की मार से ज्यादा जंगली जानवरों की मार झेलनी पड़ती है। आपने खबरों में भी देखा होगा की पहाड़ों में। कई जगह बंदरों और सुअरों ने इतनी मात्रा में फसलों को बरबाद कर दिया। जंगली जानवर किसानों की कड़ी मेहनत पर  लगातार पानी फेर रहे है। जिसके कारण किसानों को अच्छा खासा नुकसान हो रहा है। इन जंगली जानवरों के आतंक से किसानों की खेती में भी रुचि घट रही है।

पहाड़ों में बंदरों और सुअरों ने तो आतंक मचाया हुआ है वहीं मैदानी इलाकों में हाथी भी कम नहीं है। जंगली जानवरों के फसल बरबाद करने से किसानों को बहुत नुकसान हो रहा जिस कारण वे पलायन करने पर भी मजबूर है। सरकार से भी मदद की गुहार लगाई परंतु इसका कोई हल नहीं निकला।

जंगली जानवरों को कैसे रखा जाए फसलों से दूर

अब सवाल ये है की कैसे इन जंगली जानवरों से निजात पाई जाए और अपनी फसलों को इनसे सुरक्षित रखा जाए ताकि किसानों की मेहनत बरबाद न जाए। तो एक उपाय है  कैमोमाइल का फूल जिसकी गंध जानवरों को फसलों से दूर रखने में कारगर हो सकती है।

किसान अपने खेतों के आस-पास कैमोमाइल फूल लगाएं तो जंगली जानवरों के आतंक से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है। इस फूल में विभिन्न प्रकार के केमिकल की गंध होती है, जिससे जंगली जानवर स्वयं ही खेत से दूर भाग जाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र की उद्यान विज्ञानी डा. रजनी पंत के अनुसार अगर किसान अपने खेतों की मेड़ अथवा खेतों के किनारे कैमोमाइल फूल लगाएं तो जंगली जानवरों के आतंक से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है।

उन्होंने जानकारी दी  कि कैमोमाइल विशेष प्रकार का फूल है, जिसे जड़ी बूटी की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसका वैज्ञानिक नाम मैट्रिकेरिया चैमोमिल्ला है, यह गर्मी वाले स्थानों पर ज्यादा पैदा होता है। कैमोमाइल से चाय भी बनाई जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। इसके पौधे अप्रैल और अक्टूबर माह में लगाए जाते हैं।

डा. पंत ने बताया कि पिछले वर्ष कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को कैमोमाइल फूल की उपयोगिता की जानकारी दी गई थी। जिसके बाद कुछ किसानों ने इस फूल को खेतों के चारों ओर लगाया। इस बार भी प्रयोग के तौर पर कुछ किसानों ने इसका उपयोग किया। जिसके सार्थक परिणाम देखने में आए हैं। इस फूल को अपने खेतों के चारों ओर लगाकर आप अपनी फसलों को कुछ हद तक जंगली जानवरों के प्रकोप से बचा सकते है।

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