गजब : महज 130 रुपए के लिए दोस्त ने की दूसरे दोस्त की निर्मम हत्या।

बताया जा रहा है कि पांच मई की सुबह पुरानी गंगनहर के पुल के नीचे 35 वर्षीय नितिन उर्फ गुड्डू, निवासी पश्चिमी अंबर तालाब का खून से सना शव मिला था। मृतक के भाई गौरव की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस टीम ने आसपास के सीसीटीवी खंगाले। मामले में साजिद पुत्र अब्दुल गफ्फार, निवासी इस्लामनगर रुड़की को कलियर से गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बताया कि गुड्डू ने मारपीट कर उसके 130 रुपये छीन लिए थे। साजिद के पास सब्जी काटने वाला चाकू था, जिससे गोदकर उसने गुड्डू की हत्या कर दी। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर आरके सकलानी, वरिष्ठ उप निरीक्षक अभिनव शर्मा आदि शामिल रहे।

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पुलिस पूछताछ में साजिद ने बताया कि वह नशा करता है। 2018 में गंगनहर कोतवाली में उसके खिलाफ कुकर्म का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में तीन साल की जेल काटी थी। हत्यारोपी का आपराधिक इतिहास रहा है।

हत्याकांड को अंजाम देने के बाद बाद साजिद अपने घर नहीं लौटा। वह रुड़की से कलियर, ज्वालापुर और बहादराबाद गया। उसने बहादराबाद में नए कपड़े खरीदे। वह करीब पंद्रह दिन तक पुलिस को चकमा देता रहा।

जिस जगह हत्याकांड को अंजाम दिया गया, वह बेहद सुनसान इलाका है। पुलिस के लिए हत्या की वजह जानना और हत्यारे तक पहुंचाना मुश्किल होने लगा था। सोत बी चौकी प्रभारी नितिन बिष्ट के नेतृत्व में एक टीम लगातार जांच कर रही थी। पूरणनाथ मंदिर के पास से एक रास्ता सोलानी नदी के पास जाता है। वहां से महत्वपूर्ण लीड पुलिस को मिली।

हत्याकांड को सुलझाने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी खंगालने गए। इस बीच सिटी पब्लिक स्कूल के पास एक घर के कैमरे में साजिद और गुड्डू एक साथ जाते हुए दिखाई दिए थे। शक्ल, कद काठी से दोनों की तस्वीर साफ हो गई। आरोपी की पहचान होने पर साजिद की तलाश शुरू की गई।

पुलिस को साजिद की लोकेशन तलाशने में पसीना बहाना पड़ा। साजिद फोन का इस्तेमाल नहीं करता है। मुखबिर तंत्र को पुलिस ने सतर्क किया। पुलिस से बचने के लिए साजिद सुनसान जगह पर रात बीताता था। वो अधिकतर उन रास्तों का इस्तेमाल करता था जहां पर लोगों की चहल-पहल भी बेहद कम हो। लेकिन आखिर वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। साजिद और गुड्डू की नशे की लत से दोस्ती हो गई थी। दोनों अक्सर पुराने पुल के पास नशा करने जाते थे। वहीं पर दोनों की मुलाकात हुई थी। लेकिन जिस दोस्त के साथ गुड्डू नशा करता था वही उसका कातिल बन बैठा। 15 दिन तक साजिद ने करीब 500 किलोमीटर का सफर तय किया। बार-बार ठिकाने बदलने से पुलिस की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही थी।

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