युवती का 4 साल तक दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने किया बरी।

देहरादून : दुष्कर्म के आरोपी को न्यालय ने  इसलिए बरी कर दिया क्योंकि  आरोपी के खिलाफ पीड़िता के पास कोई ठोस सबूत नहीं थे। न्यायालय ने अपना मत देते हुए कहा की किसी भी पढ़ी लिखी लड़की को लंबे समय तक तथ्य के भ्रम में नही रखा जा सकता।

विस्तार से  2019 में एक युवती ने  पुलिस में  आरोप उमा शंकर के खिलाफ तहरीर दी थी। तहरीर में युवती ने बताया की वह स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद कोचिंग सेंटर में ट्रेनिंग के लिए गई थी इसी दौरान उसकी मुलाकात उमा शंकर नाम के व्यक्ति से हुई थी जो मसूरी का निवासी था। कुछ समय बाद उमा शंकर ने युवती के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और युवती ने प्रस्ताव को मान लिया। बताया जा रहा है की उमा शंकर ईसाई धर्म को मानने वाला था जो बात उसने युवती से छुपाई हुई थी।

शादी का प्रस्ताव मानने के बाद युवती उमा शंकर से मिलने जुलने लगी। जानकारी अनुसार उमा शंकर उसे 2015 से 2019 तक होटलों और रिजॉर्ट्स में घुमाने ले गया और कई बार युवती के साथ दुष्कर्म भी किया। बाद में युवती ने जब शादी का दबाव बनाया तो उमा शंकर ने शादी से साफ इंकार कर दिया और उसे जान से मारने की धमकी देने लगा

मामले में पुलिस ने आरोपी उमाशंकर के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। करीब चार सालों तक मुकदमा चला। लेकिन, अभियोजन इस मामले को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा। अब स्पेशल फास्ट ट्रैक जज पंकज तोमर ने आरोपी उमाशंकर को बरी कर दिया।

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