9 महीने बाद मिला सेना के जवान का पार्थिव शरीर, देहरादून में सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार।
प्रथम गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन के हवलदार ठाकुर बहादुर आले का पार्थिव शरीर नौ महीने बाद मिला है। भारतीय सेना के कोई साथी पीछे न छूटे के सिद्धांत और सेना की बेहतरीन परंपराओं के अनुसार नौ महीने की साहसिक खोज व बचाव अभियान के बाद एचएडब्ल्यूएस गुलमर्ग की टीमों ने हवलदार आले का पार्थिव शरीर माउंट कुन की बर्फीली पहाड़ियों से खोज निकाला है।
हवलदार ठाकुर बहादुर आले पिछले साल आठ अक्टूबर को लद्दाख के माउंट कुन के लिए एक पर्वतारोहण अभियान के दौरान चार सदस्यीय रूट ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे। इस दौरान वह हिमस्खलन की चपेट में आ गए। कई दिनों तक लगातार खोज अभियान चलाया गया, लेकिन बदलते मौसम और लगातार हिमस्खलन के कारण उनके पार्थिव शरीर को बरामद नहीं किया जा सका था।
सैनिकों के पार्थिव शरीर को बर्फीली पहाड़ियों से बरामद कर लिया
आखिरकार सेना के खोजी दल ने सात जुलाई को हवलदार ठाकुर बहादुर आले और अन्य सैनिकों के पार्थिव शरीर को बर्फीली पहाड़ियों से बरामद कर लिया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को देहरादून स्थित उनकी यूनिट में लाया गया। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने हवलदार आले को अंतिम सलामी दी।
बुधवार को सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। हवलदार ठाकुर बहादुर आले एक बेहतरीन पर्वतारोही थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की कई स्कीइंग और स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, जिसमें उन्होंने दो स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और दो कांस्य पदक जीते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, नौ वर्षीय बेटी, सात वर्षीय बेटा और बुजुर्ग माता-पिता हैं।