उत्तराखंड के अस्पताल में मरीज अब डॉक्टरों के नही भगवान के भरोसे ठीक होंगे ।

देहरादून : उत्तराखंड में अस्पतालों में मरीज डॉक्टरों के नही बल्कि भगवान के भरोसे ठीक होंगे क्योंकि चिकित्सक संघ के आवाहन पर डॉक्टरों ने छुट्टी के दौरान ओपीडी में मरीजों को देखना बंद कर दिया है एसे में अगर मरीज गंभीर समस्या हुई तो वह भगवान के भरोसे ही रहेगा ।

आपको बता दें  उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल  जो पहले  सरकार की व्यवस्थाओं के हिसाब से चलते थे   अब चिकित्सक संघ के चाहने और उन्ही की शर्तों के अनुसार चलेंगे।

पहले छुट्टियों के दौरान 12:00 बजे तक डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को देखा करते थे लेकिन पिछली तीन बार से चिकित्सक संघ की आह्वान पर छुट्टियों के दिन ओपीडी पूरी तरीके से बंद कर दी गई है।

जिससे मरीजों को खासी परेशानियों  का सामना करना पढ़ रहा है । डॉक्टरों को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। लेकिन अब वही डॉक्टर मरीजों की परेशानियां समझने को तैयार नहीं है ।

दरसल डॉक्टर के पास अपने तर्क है कि कोई ऐसा आदेश नहीं है जिसमें छुट्टी के दिन ओपीडी की जाए, हालांकि बीते सालों में चिकित्सक संघ के द्वारा मरीजों की सुविधा को देखते हुए कई सराहनीय कदम उठाए गए थे वर्तमान में व्यवस्था खत्म होती जा रही है डॉक्टर में अब सेवा भाव कम और व्यक्तिगत लाभ और हानि ज्यादा मायने रखने लगा है जिसके चलते अब छुट्टी वाले दिन मरीज नहीं देखे जाएंगे, जबकि डॉक्टर के अलावा अन्य संवर्ग के मुलाजिम छुट्टी वाले दिन भी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं अब भला डॉक्टर ही नहीं होगा तो फिर अन्य मुलाजिमों का होना ना होना भी कितना वाकिफ है इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। देहरादून के जिला अस्पताल में तैनात सीएमएस कहते हैं कि चिकित्सक संघ के आह्वान पर यह व्यवस्था बनाई गई है।

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