गजब:इस योजना का लाभ उठा रहे 13 अपात्र लोग जिसमें 8 लोग हैं मृत
उत्तराखंड : उत्तराखंड में धांधली होना जैसे अब आम बात हो गई है। हर नए दिन के साथ नई धांधली सामने आ ही जाती है, मानो देवभूमि को बदल के धांधली भूमि कर दिया हो राज्य का नाम।
नया मामला मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से जुड़ा हुआ है जिसमें खुलासा हुआ है की जो इस दुनिया में है ही नही वो भी इस योजना का लाभ उठा रहे है।
आपको बता दें इस योजना की शुरुआत 2020 में हुई थी। इस योजना को कोविड के दौरान अपने माता-पिता या संरक्षक को खो चुके बच्चों की देखभाल के लिए शुरू किया गया था। अब योजना में भी धांधली पकड़ी गई है। विभागीय जांच में 113 अपात्र इस योजना का लाभ लेते मिले हैं, इनमें आठ मृतक भी हैं।
महिला कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य के मुताबिक, राज्य में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को एक जुलाई 2021 से शुरू किया गया था। एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 की अवधि में कोविड महामारी एवं अन्य बीमारियों से अपने माता-पिता या संरक्षक को खो चुके जन्म से 21 साल तक के बच्चों को योजना के तहत चयनित किया गया था।
योजना की शुरुआत में 6,544 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा था। इनमें से 684 बच्चों को 21 वर्ष की आयु पूरी हो जाने के कारण योजना से बाहर कर दिया गया था।
निदेशक के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना की जांच कराई गई, जिसमें 113 बच्चे अपात्र मिले हैं। इनमें 50 बच्चों के अभिभावकों ने पुनर्विवाह कर लिया है। 19 बच्चों की नौकरी लग गई है। 29 का विवाह हो गया, आठ की मौत हो गई, जबकि सात अन्य अपात्र मिले हैं। इन सभी को योजना से हटा दिया है। अब इस योजना का लाभ लेने वाले बच्चों की संख्या 5,747 हो गई है।
अपात्र बच्चों के योजना का लाभ लेने के मामले में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ बच्चों ने विभाग को योजना से बाहर करने के लिए बारे में जानकारी दी थी। लेकिन, कुछ जांच में पकड़ में आए हैं। निदेशक के मुताबिक, भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। भविष्य में इस तरह के मामले में अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी।