एमओयू का उद्देश्य – चिकित्सा शिक्षा और नेत्रदान जागरूकता दोनों को बढ़ावा देना
इस एमओयू के तहत, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ अब दि हंस फाउंडेशन के डीएनबी (DNB) अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
इस पहल का उद्देश्य केवल चिकित्सा क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण देना नहीं है, बल्कि समाज में नेत्रदान (Eye Donation) के महत्व को भी प्रसारित करना है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मानवीय कार्य से जुड़ें।
नेत्रदान – एक नेत्रदाता से दो लोगों को मिल सकती है रोशनी
एमओयू साइनिंग के अवसर पर डॉ. तरन्नुम शकील, निदेशक, आई बैंक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने कहा,
“नेत्रदान एक ऐसा दान है जिससे किसी को नया जीवन नहीं, बल्कि नई रोशनी मिलती है। एक नेत्रदाता अपनी मृत्यु के बाद भी दो लोगों की अंधकारमय जिंदगी में उजाला भर सकता है। हमारा उद्देश्य है कि हर नागरिक नेत्रदान के इस महापवित्र कार्य का हिस्सा बने।”
उन्होंने आगे कहा कि समाज में नेत्रदान को लेकर अब भी कई भ्रांतियाँ हैं, जिन्हें दूर करने के लिए अस्पताल और फाउंडेशन संयुक्त रूप से Eye Donation Awareness Campaigns चलाएंगे।
हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख अधिकारी
एमओयू पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख रूप से –
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डॉ. गौरव रतूड़ी, चिकित्सा अधीक्षक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल
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डॉ. यशपाल सिंह, वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट
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डॉ. तरन्नुम शकील, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष एवं निदेशक, आई बैंक
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डॉ. पंकज शर्मा, दि हंस फाउंडेशन आई केयर की ओर से
नेत्रदान अभियान को नई दिशा
इस एमओयू के बाद उम्मीद है कि नेत्र चिकित्सा और प्रशिक्षण के साथ-साथ Netra Daan Movement को भी नई गति मिलेगी। दोनों संस्थान मिलकर राज्य और देश स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिससे अंधता मुक्त समाज की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके।















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