देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म किया हैक, पैरेंट्स को मैसेज भेज मांगी फीस, तीन आरोपी अरेस्ट

देहरादून: शहर के प्रतिष्ठित स्कूल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में फर्जी ऐप बनाकर अभिभावकों को भ्रामक संदेश भेजने वालों को उत्तराखंड एसटीएफ ने बरेली से गिरफ्तार किया. आरोपियों ने स्कूल पैड (SchoolPad) इंटरफेस तैयार कर असली प्लेटफॉर्म को हैक किया और व्हाट्सअप के जरिए फीस जमा करने से संबंधित भ्रामक संदेश फैलाया. आरोपियों ने 4990 रूपये की राशि एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब के नाम पर फर्जी संदेश भेजकर अभिभावकों को धोखे में डाला था.

 

देहरादून शहर के प्रतिष्ठित स्कूल ने जुलाई 2025 में शिकायत दर्ज कराई थी कि विद्यालय के छात्र-संबंधित ऐप में गंभीर साइबर बुलिंग और हैकिंग हुई है. विद्यार्थियों को भ्रामक संदेश भेजे जा रहे हैं. विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्कूल पैड है, जिसका उपयोग विद्यार्थी और अभिभावक प्रतिदिन स्कूल अपडेट देखने, टाइम टेबल जानने और विद्यालय शुल्क जमा करने आदि के लिए करते हैं. अज्ञात व्यक्ति ने बिना अनुमति प्रवेश किया और विद्यार्थियों के नाम, संपर्क डिटेल समेत लॉगिन डेटा जैसी जानकारी लीक की और हैकर विद्यालय की तीनों शाखाओं डीआईएस सिटी कैंपस, डीआईएस रिवरसाइड और डीआईएस मोहाली के छात्र डेटा तक पहुंच बना ली

उन्होंने स्कूल पैड प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों और अभिभावकों को एक फर्जी संदेश भेजा, जिसमें 4990 रुपये की राशि एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब के लिए जमा करने को कहा गया और यह संदेश आधिकारिक प्रतीत भी हो रहा था. अभिभावकों को धोखे से निजी जानकारी देने या शुल्क गलत खाते में जमा करने के लिए मजबूर किया जा रहा था.शिकायत पर साइबर पुलिस को जांच के दौरान जानकारी मिली कि घटना में विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्कूल पैड (SchoolPad) द्वारा स्कूल फीस सिस्टम के जरिए पीड़ित (स्कूल) से लाभ कमाने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करवाई गई थी. जिसके बाद बैंक के लाभार्थी खाताधारक 19 वर्षीय मोहम्मद रिजवान निवासी बरेली, सुदामा दिवाकर और 18 वर्षीय मोहम्मद फराज को चिन्हित करते हुए आरोपी की तलाश जारी की गई. शनिवार को साइबर टीम ने मोहम्मद रिजवान, सुदामा दिवाकर और मोहम्मद फराज पुत्र सरताज को बरेली से गिरफ्तार किया.

 

अपराध का तरीका: आरोपियों ने स्कूल का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्कूल पैड ऐप की प्रतिरूपित करते हुए फर्जी इंटरफेस तैयार किया और फिर तकनीकी तरीकों से असली प्लेटफॉर्म में अनधिकृत प्रवेश (हैकिंग) किया. सिस्टम में सेंध लगाकर तीनों शाखाओं (सिटी कैंपस, रिवरसाइड और मोहाली) के विद्यार्थियों के नाम, संपर्क विवरण और लॉगिन जानकारी हासिल की और ‘एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब’ शुल्क के नाम पर 4990 रुपये जमा करने का संदेश विद्यार्थियों और अभिभावकों को भेजा गया. संदेश को इस तरह से डिजाइन किया गया कि वह स्कूल की आधिकारिक सूचना जैसा लगे, जिससे लोग आसानी से भ्रमित हो जाएं.

 

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिस बैंक खातों का प्रयोग किया, उसमें मात्र कुछ महीने में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया है. जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों में एफआईआर और अन्य शिकायतें दर्ज हैं. जिसके संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है. साथ ही मोहम्मद रिजवान और सुदामा दिवाकर के खिलाफ पूर्व में थाना इज्जतनगर, बरेली में साइबर ठगी से संबंधित मुकदमा दर्ज है. दोनों आरोपी जेल जा चुके हैं.

 

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