उत्तराखंड में दीपावली से पहले वन विभाग के 58 ACF को कन्फर्मेशन की खुशखबरी मिली है. हालांकि तीन अधिकारियों के स्थाईकरण को फिलहाल रोका गया है. जिस पर बाद में अलग से निर्णय लिया जाएगा. दरअसल अनुशासनिक कार्रवाई या विभागीय शिकायतों के चलते कई बार प्रोबेसन पीरियड पर काम कर रहे अधिकारियों को कंफर्म नहीं किया जाता है.
वन महकमे में इन तीन अफसरों का रुका कन्फर्मेशन: उत्तराखंड वन विभाग में तीन अधिकारियों को कन्फर्मेशन का लाभ नहीं मिल पाया है. दरअसल यह अधिकारी पिछले करीब 2 साल से विभाग में प्रोबेसन पीरियड पर काम कर रहे हैं और कंफर्मेशन को लेकर प्रक्रिया चलाए जाने के बावजूद इन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाया है.
इन तीन अधिकारियों में दो अधिकारी ACF पद पर सीधी भर्ती के जरिए चयनित हुए हैं, और 2022 चयन वर्ष में इनका सलेक्शन हुआ था. जबकि एक अधिकारी रेंजर पद से प्रमोशन के बाद ACF स्तर तक पहुंची थी. सीधी भर्ती के जरिए ACF रैंक पर नियुक्ति पाने वाले मुदित आर्या और उपेंद्र सिंह का कन्फर्मेशन शासन ने नहीं किया है. यह दोनों ही अधिकारी उत्तराखंड वन निगम में तैनात हैं. बताया गया है कि इनकी शिकायत होने के चलते फिलहाल इनका स्थाईकरण नहीं किया गया है.
दिवाली से पहले 58 ACF को मिली खुशखबरी: उत्तराखंड में पहली बार 2022 में ही ACF पद पर भर्ती हुई है. यहां 41 ACF भर्ती हुए थे. जिसमें से 39 ACF का कंफर्मेशन हो गया है. इसी तरह प्रमोशन के बाद ACF रैंक में पहुंचने वाली तनुजा परिहार का भी स्थाईकरण रोका गया है. तनुजा बागेश्वर में SDO पद पर तैनात हैं और उन पर अनुशासनिक मामला गतिमान होने के चलते उन्हें स्थाईकरण का लाभ नहीं मिला. हालांकि ACF स्तर पर कुल 20 रेंजर पदोन्नति हुए थे जिसमें से 19 को स्थाईकरण मिला है
.ACF पद पर 2 साल का प्रोबेसन पीरियड होता है. इसके बाद ही किसी भी अधिकारी को स्थाईकरण मिलता है. लेकिन प्रोबेसन पीरियड के दौरान अनुशासनिक मामला या जांच से जुड़ा कोई आदेश हो या फिर कोई गंभीर शिकायत, तो ऐसी स्थिति में स्थाईकरण को रोक दिया जाता है.
वन विभाग में अनुभवी ACF का टोटा है: वन विभाग में फिलहाल अनुभवी ACF का टोटा है. शायद यही कारण है कि विभाग में 8 साल ACF पद पर अनुभव वाले अधिकारी मौजूद ही नहीं हैं और इसीलिए प्रमोशन के IFS पद खाली हैं. दरअसल 8 साल की ACF स्तर पर सेवा के बाद ही किसी अधिकारी को IFS पर प्रमोशन मिल सकता है.
राज्य गठन के 22 साल बाद मिला था पहला डायरेक्ट बैच: प्रदेश गठन के बाद पहली बार ACF पद पर 2022 में पहला डायरेक्ट बैच राज्य को मिला. राज्य में जनवरी महीने में वन विभाग को यह बैच मिल गया था. जबकि रेंजर पद से प्रमोशन भी 2022 में ही जून महीने में कर दिया गया. एक ही नियुक्ति वर्ष होने के कारण सीधी भर्ती और प्रमोशन के बाद ACF बनने वालों के बीच विवाद की स्थिति भी रही और सीनियरिटी को लेकर दोनों में मतभेद बना.













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