उपनल आउटसोर्स मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, जानिये क्या हुआ

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकारी विभागों में उपनल द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से पूर्व सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति देने ने खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की है. तब तक कोर्ट ने सभी पक्षकारो से जवाब पेश करने को कहा है.

 

मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान समय में सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति उपनल के माध्यम से की जा रही है. इसमें उपनल के द्वारा पूर्व सैनिकों के आश्रितों को ही शामिल किया जा रहा है. जिस कारण बेरोजगारों का एक बड़ा तबका रोजगार से वंचित हो रहा है. वर्तमान समय में राज्य के रोजगार कार्यालयों में लगभग 16 लाख शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं. जब से उपनल के माध्यम से सरकारी विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्ति की जा रही है तब से रोजगार कार्यालय में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को सरकारी सेवा करने से वंचित होना पड़ रहा है, जो संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन है

जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि उपनल को सभी बेरोजगारों के लिए खोलने के लिए निर्देशित किया जाये. जिसमें पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए आरक्षण निर्धारित कर लिया जाये. उपनल को कुछ ही अभ्यर्थियों तक सीमित न किया जाये. ताकि रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों को इन नियुक्तियों से वंचित न होना पड़े.

वहीं, एक दूसरे मामले में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने दून टैक्सी / बस ऑनर्स की याचिकाओं पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने प्री पेड टैक्सी बूथ संचालक को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने को कहा है. मामले के अनुसार देहरादून की टैक्सी ऑनर्स संचालकों के द्वारा उच्च न्यायलय में याचीका दायर कर कहा है कि 2015 में तत्कालीन सरकार ने चार धाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ यात्री नाम से एक स्कीम निकाली थी. जिसकी यात्रा करने के लिए देश व विदेश से पर्यटक आते हैं. इनको मंजिल तक पहचाने के लिए रेलवे स्टेशन के पास दून टैक्सी स्टैंड का बूथ भी बनाया गया, लेकिन रेलवे प्रशाशन ने वर्तमान समय मे उसे बंद कर लीज पर दे दिया है. जिसकी वजह तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय लोगो को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटक तय समय के भीतर अपने गंतव्य स्थानों पर नही पहुंच पा रहे हैं. इसलिए प्री पेड बूथ पर रोक लगाई जाये. एक समय में पांच से अधिक टैक्सियों के ठहरने की पाबंदी रोक हटाई जाये.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!