उत्तराखंड की खनन क्षेत्र की उपलब्धियों से प्रेरित होकर जम्मू-कश्मीर ने उठाया बड़ा कदम, उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण
देहरादून, 6 अगस्त 2025: उत्तराखंड में खनन डिजिटल परिवर्तन एवं निगरानी प्रणाली की सफलता से प्रेरित होकर जम्मू-कश्मीर (जेएंडके) ने अपने राज्य में इसी तरह की प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। इस दिशा में जेएंडके के भूविज्ञान एवं खनन निदेशालय के पांच अधिकारियों का एक दल 18 से 22 अगस्त 2025 तक देहरादून का दौरा करेगा। यह यात्रा उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि इसकी खनन नीतियों और तकनीकी प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।
यह परियोजना, जो एम/एस आईटीआई लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा विकसित की गई है, अवैध खनन और खनिज परिवहन को रोकने के लिए प्रभावी सिद्ध हुई है। इसमें बुलेट कैमरों, आरएफआईडी राडार और एलईडी फ्लडलाइट्स से सुसज्जित चेक गेट्स, देहरादून में खनन राज्य नियंत्रण केंद्र और जिला मुख्यालयों पर मिनी कमांड सेंटर शामिल हैं। जेएंडके टीम का नेतृत्व निदेशक एस.पी. रूकवाल करेंगे, जिसमें मोहम्मद अशरफ वानी (अंडर सेक्रेटरी माइनिंग), संजीव गुप्ता (सीनियर ड्रिलिंग इंजीनियर), खुर्शीद अहमद मीर (खनिज अधिकारी) और मोहित थापा (अकाउंट्स ऑफिसर) शामिल हैं। वे अहमदाबाद में बीआईएसएजी का भी दौरा करेंगे।
जेएंडके ने उत्तराखंड निदेशालय से दौरा की तिथियों की पुष्टि और परियोजना के पूर्ण संचालन की जानकारी मांगी है। अधिकारियों को अपनी वापसी पर जेएंडके प्रशासनिक विभाग के साथ अपनी रिपोर्ट साझा करनी होगी। उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है कि उसकी उपलब्धियां अन्य राज्यों को प्रेरित कर रही हैं, खासकर पहाड़ी इलाकों में अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए।
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