खुद को डीएम बताकर लाखों रुपए ठगे, सदमे में हुई पति की मौत; कोर्ट के आदेश पर केस

काशीपुर। एक विधवा महिला ने श्यामपुरम निवासी एक व्यक्ति पर खुद को डीएम बताकर उसके साथ लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपित व्यक्ति, उसकी पत्नी और बेटी के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरु कर दी है।

ओम कुंज विहार कालोनी, कुंडेश्वरी, काशीपुर निवासी ज्योति बिष्ट पत्नी स्व. सुरेश सिंह बिष्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट, काशीपुर की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसके पति सुरेश सिंह बिष्ट काशीपुर में प्रोपर्टी डीलर का कार्य करते थे।

 

2023 में श्यामपुरम कालोनी निवासी राघवेन्द्र कुमार मिश्रा पुत्र नित्यानन्द मिश्रा ने उसके पति से संपर्क कर प्लाट खरीदने की बात की, तो उसके पति ने राघवेन्द्र को काफी प्लाट व जमीन दिखाए। बताया कि इस दौरान राघवेन्द्र मिश्रा ने उसके पति से मित्रता कर ली और एक दूसरे के घर आना जाना हो गया। आरोपित राघवेन्द्र मिश्रा ने उसके पति को बताया कि वह डीएम है लेकिन अभी पोस्टिंग नहीं हुई है।

वर्तमान में वह पन्तनगर में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। बताया कि आरोपित राघवेन्द्र ने उसके पति को पंतनगर से खाद्य उर्वरक (कृषि दवाओं) की एजेन्सी दिलवाने और उसके बच्चों की नौकरी लगवाने की बात कही।

 

इसके बदले में समय-समय पर कई लाख रुपये ठगे गये, जो उसके पति ने अपने पुत्र वैभव बिष्ट व हार्दिक बिष्ट के खाते से 1,93,800 रुपये, उसके खाते से 2,01,479 रुपये, अपने सगे भतीजे हर्षित बिष्ट के खाते से 15,000 रुपये तथा अपने सगे साले हिमांशु घिल्डियाल के खाते से 2,20,000 रुपये एवं अपनी सगी भांजी के पति गौरव जलाल पुत्र हीरा सिंह जलाल निवासी नई दिल्ली के खाते से 1,00,000 रुपये, राघवेन्द्र कुमार मिश्रा व उसकी गोद ली गई पुत्री अंशिका तिवारी के खाते में अलग-अलग तिथियों में ट्रांसफर करवाए। इस प्रकार उसके पति से आरोपितों ने 7,30,279 रुपये की ठगी की।

ज्योति बिष्ट ने बताया कि राघवेन्द्र कुमार मिश्रा ने उसके पति से बच्चों के कुछ आवश्यक प्रमाण पत्रों के बनाए जाने के एवज में लगभग 3 लाख रुपये नगद लिए, जो कि उसके द्वारा प्रमाण पत्रों का अत्यधिक तकादा किए जाने पर राघवेन्द्र मिश्रा ने फर्जी प्रमाण पत्र बना कर दे दिए।

इसके अतिरिक्त राघवेन्द्र कुमार मिश्रा व अंशिका तिवारी द्वारा बार-बार नौकरी लगाने की बात को कहते हुए और पैसों की मांग की गई, तब उसके पति वर्ष 2024 में राघवेन्द्र कुमार मिश्रा के घर पर नगद 6,50,000 रुपये लेकर गए, जहां पर राघवेन्द्र कुमार मिश्रा के घर में पुताई कर रहा पेंटर राजू पुत्र मान सिंह निवासी दभौरा मुस्तहकम, काशीपुर मौजूद था, जिसके सामने प्रार्थिनी के पति ने 6,50,000 रुपये नगद राघवेन्द्र कुमार मिश्रा को दिये।

ज्योति बिष्ट ने कोर्ट को बताया कि राघवेन्द्र कुमार मिश्रा, उसकी पुत्री अंशिका तिवारी व पत्नी प्रीति मिश्रा द्वारा कुल 19,80,279 रुपये बच्चों की नौकरी लगवाने, फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने, खाद्य उर्वरक (कृषि दवाओं) की एजेंसी दिलवाने के नाम पर ठगी कर लिए गये। इसके बाद राघवेन्द्र कुमार मिश्रा व अंशिका तिवारी द्वारा उसके पति से जनवरी 2025 को और 7,00,000 रुपयों की मांग की गई।

जब उसके पति ने कहा कि अभी इन्तजाम नहीं है, तो राघवेन्द्र कुमार मिश्रा एवं अंशिका तिवारी ने कहा कि अगर आप 7,00,000 रुपये और नहीं दोगे तो आपके द्वारा पूर्व में दिया पैसा खत्म हो जायेगा। बताया कि राघवेन्द्र कुमार मिश्रा की 7,00,000 रुपयों की डिमांड पर उसके पति सदमे में आकर मानसिक रूप से बीमार रहने लगे तथा 15 जनवरी 2025 को उसके पति को ब्रेन अटैक आया। 16 जनवरी को मैक्स अस्पताल, नई दिल्ली में भर्ती कराया गया, जहां उनका ईलाज चला तथा 22 जनवरी को उसके पति की मृत्यु हो गई।

ज्योति ने बताया कि उसके द्वारा जब-जब राघवेन्द्र कुमार मिश्रा से अपने पैसों की मांग की गई तो वह और उसकी पत्नी झगड़े पर उतारू हो गये व उसे व उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। उसने बताया कि राघवेन्द्र कुमार मिश्रा व उसकी पत्नी प्रीति मिश्रा एवं उनकी गोद ली गई पुत्री अंशिका तिवारी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं।

 

आरोपितों द्वारा उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के कई जिलों में नौकरी लगवाए जाने के एवज में ठगी की गई है। उसने आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। कोर्ट के आदेश पर आइटीआइ थाना पुलिस ने ज्योति बिष्ट की तहरीर के आधार पर तीनों आरोपितों के विरुद्ध आइपीसी की धारा 420, 506 के तहत प्राथमिकी पंजीकृत कर मामले की जांच शुरु कर दी है।

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