नैनीताल जिपं अध्यक्ष चुनाव: BJP जिलाध्यक्ष समेत 31 लोगों पर मुकदमा, सदस्यों की किडनैपिंग का आरोप

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर बीती 14 अगस्त को जमकर बवाल हुआ था. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही एक-दूसरे पर जिला पंचायत सदस्यों को किडनैप करने का आरोप गया था. वहीं इस मामले में अब नया अपडेट ये आया है कि पुलिस ने भाजपा जिलाध्यक्ष समेत 11 नामजद व 15-20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है.

 

बता दें कि 14 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें जमकर बवाल हुआ. बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से एक-दूसरे पर इस तरह के आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने उनकी पार्टियों के समर्थित जिला पंचायत सदस्य को गायब कर दिया था. इस वजह से पांच सदस्य वोट भी नहीं कर पाए थे.

इस मामले में कांग्रेस उसी दिन यानी 14 अगस्त को उत्तराखंड हाईकोर्ट भी गई थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई भी हुई थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस भी हरकत में आई और अब इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ चार अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए हैं.

 

इन लोगों पर हुआ मुकदमा: जानकारी के मुताबिक नैनीताल से कांग्रेस की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी पुष्पा नेगी, सदस्य जीशान्त कुमार और दो अन्य सदस्यों के परिजनों ने पुलिस को तहरीर दी है. पुलिस ने इन तहरीरों के आधार पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, नैनीताल से भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी दीपा दर्मवाल के पति आनंद दर्मवाल समेत 11 लोगों को नामजद किया है. इनके साथ ही 15 से 20 अज्ञात लोगों को भी आरोपित बनाया गया है.

नैनीताल एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि तहरीर के आधार पर आनंद दर्मवाल, शंकर कोरंगा, प्रताप बिष्ट बोरा, प्रमोद बोरा, प्रखर साह, बीबी भाकुनी, विशाल नेगी, पंकज नेगी, शुभम दर्मवाल और कोमल दर्मवाल समेत 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 140(3), 115(2), 352, 351(3), 74 और 62 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

गौरतलब हो कि 14 अगस्त को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी खुद के और हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के साथ मारपीट का भी आरोप लगाया था. इस मामले में कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा भी कराया था. कांग्रेस ने बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था.

 

बता दें कि 14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दिन शहर में भारी हंगामा हुआ था. मतदान स्थल से कुछ ही दूरी पर पुलिस की मौजूदगी में पांच जिला पंचायत सदस्यों डिकर सिंह मेवाड़ी, प्रमोद सिंह, तरुण कुमार शर्मा, दीप सिंह बिष्ट और विपिन सिंह को कुछ लोगों द्वारा अगवा करने का आरोप लगाया था. इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए थे. कांग्रेस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर सरेआम गुंडागर्दी और विपक्षी सदस्यों का अपहरण करने का आरोप लगाया था.

काफी हंगामे के बाद 14 अगस्त देर रात तक राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान के बाद मतगणना की प्रकिया पूरी कराई थी. हालांकि निर्वाचन आयोग ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव परिणाम घोषित नहीं किया था. नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया था कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव परिणाम सीलबंद लिफाफे के अंदर डबल लॉकर में रखे गए है. सभी प्रत्याशियों को इसकी जानकारी भी दे दी गई हैं. 18 अगस्त को नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी, तभी चुनाव परिणाम का सीलबंद लिफाफा हाईकोर्ट में पेश होगा. नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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