रुड़की: कांवड़ियों या फिर साधु-संतों के भेष में घूमने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि चला रखा है. ऑपरेशन कालनेमि के तहत पुलिस अभी कई फर्जी बाबाओं को जेल भेज चुकी है. रुड़की के पिरान कलियर क्षेत्र से भी पुलिस ऐसे ही तीन फर्जी बाबाओं को पकड़ा, लेकिन उनमें से एक ऐसा निकला, जो बीते 20 साल से अपने परिजनों से बिछड़ा हुआ था. पुलिस ने न सिर्फ उस बाबा के परिजनों को ढूंढा, बल्कि उसके परिजनों से मिलाया भी. परिवार के सदस्य को 20 बाद पाकर परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे थे.
दरअसल, ऑपरेशन कालनेमि के दौरान पुलिस ने पिरान कलियर थाना क्षेत्र में दरगाह और कांवड़ पटरी से बाबाओं के भेष में तंत्र मंत्र, जादू-टोना की कला दिखाकर भीड़ को आकर्षित करने वाले तीन बाबाओं को पकडा़. इसके बाद पुलिस ने उनकी पहचान सम्बन्धी कागजात तलब किए, लेकिन वह कोई भी कागजात नहीं दिखा पाए. पुलिस को कुछ मामला संदिग्ध लगा. इसके बाद पुलिस ने अपने स्तर पर जितेन्द्र नाम के बाबा की कुंडली निकाली.
पुलिस को पता चला कि जितेन्द्र मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद जिले के बिलारी थाना क्षेत्र का रहने वाला है. पुलिस ने जितेन्द्र के बारे में और जानकारी निकाली तो पता चला कि वो बीते 20 सालों से अपने परिजनों से बिछड़ा हुआ है. जितेन्द्र के परिजन साल 2005 से उसकी तलाश कर रहे है. रुड़की पुलिस ने बिलारी थाना पुलिस से जितेन्द्र के परिजनों का नंबर लिया और उनसे संपर्क किया. जैसे ही परिजनों को पता चला कि जितेन्द्र सही सलामत है तो उनकी खुशी की ठिकाना नहीं रहा.
इसके बाद जितेन्द्र के परिजन रुड़की पहुंचे और पुलिस से मिले. 20 साल बाद जितेन्द्र को अपने सामने देखकर परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे थे. पुलिस ने जितेन्द्र को परिजनों से सुपुर्द किया. परिजनों और जितेन्द्र ने जाते हुए उत्तराखंड पुलिस का शुक्रिया अदा किया.
पिरान कलियर थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत जितेन्द्र पुत्र कुंवरपाल निवासी दलपतपुर थाना बिलारी उत्तर प्रदेश (उम्र 40 वर्ष), जैद पुत्र गुलजार निवासी नबाब गंज निकट मदीना मस्जिद सहारनपुर उत्तर प्रदेश, (उम्र 21 वर्ष) और रण सिंह पुत्र कलिराम निवासी हीरा सिंह थाना सदर अम्बाला पंजाब (उम्र 56 वर्ष) को पकड़ा था. हालांकि एक बाबा को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया है, उन्होंने बताया कि अन्य दोनो बाबाओं को नियमानुसार न्यायालय के समक्ष पेश किए गए हैं.
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