विधायक का आदमी हूं, प्रशाशन जेब में रखता हूं
पौड़ी : पौड़ी के अपर चोपड़ा वार्ड नंबर 10 में ठेकेदार रमेश गुसाईं द्वारा भवन निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है। जबकि इस भवन का मामला न्यायालय में लंबित है। इस भवन की नपत को लेकर दो पक्षों में लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस मामले ने तब तुल पकड़ा जब एक पक्ष ने बिना विकास प्राधिकरण की अनुमति के एवं नियमों को ताक पर रख कर भवन को तोड़ा बल्कि बिना नक्शा पास किए उस भवन का निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया। जब दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया तो ठेकेदार ने विधायक का आदमी होने की धमकी देकर दूसरे पक्ष को चुप कराने का प्रयास किया।
प्राधिकरण टीम के निर्देश की अवहेलना
दूसरे पक्ष ने इसकी शिकायत विकास प्राधिकरण से की, जिसके बाद प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची। प्राधिकरण की टीम द्वारा मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य रुकवाया गया तथा ठेकेदार को निर्माण कार्य को बंद करने के निर्देश दिए गए, मौके पर ठेकेदार ने सहमति जताते हुए कार्य बंद करने की बात मान ली लेकिन प्राधिकरण की टीम के जाने के बाद ठेकेदार द्वारा फिर से निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया, जिससे ठेकेदार की मंशा साफ झलकती है कि ठेकेदार को प्रशाशन का कोई खौफ नहीं है। ठेकेदार विधायक का करीबी होने के कारण प्रशाशन को जेब में रखने की सोच रखता है।
विधायक का करीबी होना मौज करने का लाइसेंस
जिस तरीके से ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक पर रख कर, बिना विकास प्राधिकरण की अनुमति के भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाया गया तथा जब प्राधिकरण टीम को इसकी जानकारी मिली तो उनके द्वारा इस कार्य को रुकवाया गया लेकिन ठेकेदार द्वारा उनके निर्देश को भी साइड में रख कर भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाया गया, यह साफ दर्शाता है कि ठेकेदार अपने आप को प्रशासन से, प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों से ऊपर समझता है, क्योंकि वह विधायक का करीबी है। यानी कि अगर आप किसी विधायक के मंत्री के संतरी के करीबी होंगे तो आप को नियमों की धज्जियां उड़ाने का पूरा पूरा लाइसेंस मिल जाता है।
लाचार दिखाई दिया प्रशाशन
विकास प्राधिकरण द्वारा जब निर्माण कार्य को रुकवाया गया बावजूद इसके ठेकेदार ने कार्य नहीं रोका, यह सीधे सीधे सरकारी अधिकारियों के निर्देश की अवहेलना हुई। जब दूसरे पक्ष द्वारा बार बार प्राधिकरण अधिकारी को फोन करके बताया गया कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो प्राधिकरण टीम द्वार लंबी प्रोसेस का झुनझुना पकड़ाकर दूसरे पक्ष को शांत करने का प्रयास किया गया। जहां साफ साफ ठेकेदार के किसी बड़े नेता के करीबी होने के कारण मानो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। और प्रशासन के काम की गति इतनी धीरे हो गई जैसे बैसाखी के सहारे प्रशासन चल रहा हो