पिथौरागढ़ हादसा, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, सगी बहनों की मौत, छोटा भाई घर पर करता रहा इंतजार

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ सड़क हादसा ने कई परिवारों को ऐसे जख्म मिले है, जो शायद ही जिंदगी में कभी भर पाए. इस हादसे में किसी ने अपनी बेटी को खोया तो किसी ने अपनी बहनों को. बोकटा के रहने वाले चंद्र सिंह का दर्द भी कुछ ऐसा ही है. पिथौरागढ़ सड़क हादसा में चंद्र सिंह की दो बेटियों की मौत हुई है. दो बेटियों की मौत का सदमा परिवार बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है.

 

बोकटा निवासी चंद्र सिंह की दो बेटियां विनीता और तनुजा थी. चंद्र सिंह अपनी दोनों बेटियों को घर से करीब दस किमी दूर राजकीय इंटर कॉलेज मुवानी में पढ़ने के लिए भेजता था. विनीता 11वीं और तनुजा बिष्ट 9वीं क्लास में पढ़ती थी. मंगलवार 15 जुलाई को भी दोनों बहने घर से तैयार होकर स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन किसी को क्या पता था कि अब ये दोनों बहनें कभी वापस नहीं लौटेगी.

रोजाना की तरफ परिजन दोनों बहनों के स्कूल से आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन देर शाम तक भी जब दोनों बहनें घर नहीं आई तो परिजनों को चिंता होने लगी. पिता ने बेटियों के बारे में पता लगाया तो तभी उन्हें सड़क हादसे की सूचना मिली. इस घटना के बाद परिवार पूरी तरह से टूट गया. माता-पिता दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है. विनीता और तनुजा बिष्ट का छोटा भाई अभी भी अपनी बहनों के घर आने का इंतजार कर रहा है. इस घटना के बाद पूरा गांव सदमे में है.

 

बता दें कि 15 जुलाई शाम चार बजे मुवानी इलाके में सूनी पुल के पास मैक्स वाहन खाई में गिर गया था. इस हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है, वहीं 6 घायल है. घायलों का जिला हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है

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