डॉ सुशील ओझा के नेतृत्व में “71 वर्षीय एनआरआई का सफल इलाज – दून अस्पताल ने दिखाई चिकित्सा में नई राह”

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय ने एक और उपलब्धि हासिल करते हुए 71 वर्षीय एनआरआई मरीज का अत्याधुनिक तकनीक से मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया। मरीज, जो दुबई में रहते हैं और गोल्डन वीज़ा धारक हैं, ने अपनी आँखों में मोतियाबिंद की समस्या के लिए दून अस्पताल को चुना।

डॉ. सुशील ओझा (प्रोफेसर एवं यूनिट हेड) के मार्गदर्शन में केवल 2.2 मिमी इन्सीजन के माध्यम से यह अत्याधुनिक ऑपरेशन बिना इंजेक्शन के किया गया। मरीज ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने मुंबई के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराया था, परंतु इस बार दून अस्पताल की सुविधाएं और तकनीक बेहतर अनुभव रहीं।

 

मरीज का ऑपरेशन 26 जुलाई को किया गया था, और 28 जुलाई को उन्हें बिना किसी परेशानी के छुट्टी दे दी गई।

 

राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस सफलता पर टीम को बधाई दी और कहा कि आने वाले समय में दून अस्पताल को मेडिकल टूरिज़्म का हब बनाने की योजना है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड को चिकित्सा के क्षेत्र में देश के शीर्ष 100 मेडिकल कॉलेजों में शामिल करने का लक्ष्य है।

 

नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. गीता जैन और विभागाध्यक्ष डॉ. शांति पांडे ने बताया कि विभाग को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है और जल्द ही अत्याधुनिक ‘आई बैंक’ की स्थापना भी की जाएगी।

 

इस सफल ऑपरेशन में डॉ. सुशील ओझा, डॉ. दुश्यंत उपाध्याय, डॉ. नीरज सरस्वत, डॉ. नितेश यादव, डॉ. सचिन रोहिल्ला, डॉ. अंशु और नर्सिंग स्टाफ से सिस्टर वाणी व ब्रदर शैलेश राणा शामिल रहे।

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