हल्द्वानी। चोरगलिया में नंधौर सेंचुरी के पास एक हेक्टेयर जमीन पर राज्य का पहना ईको विलेज बनाने की तैयारी है। जहां पर्यटकों को गांव के साथ घर जैसा अहसास होगा। इससे आसपास के ग्रामीण युवाओं के साथ महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पेयजल निर्माण निगम की ओर से डिजाइन व डीपीआर तैयार करने के बाद वन विभाग ने शासन को पांच करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव भेज दिया है। बजट स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण को लेकर टेंडर करवाया जाएगा। ईको विलेज बनने पर नंधौर सेंचुरी घूमने आने वाले लोगों को रात्रि विश्राम के लिए अच्छी जगह भी मिलेगी।
हल्द्वानी डिवीजन के डीएफओ कुंदन कुमार के अनुसार चोरगलिया में नंधौर रेंज के तहत आने वाले लाखनमंडी गांव के पास आम बगीचा नाम की जगह पड़ती है। यहां रिजर्व फारेस्ट क्षेणी से बाहर की एक हेक्टेयर भूमि वन विभाग के स्वामित्व से जुड़ी है। ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभाग इस जमीन को ईको विलेज के तौर पर विकसित करना चाहता है।
प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड या अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को यहां ठहरने के लिए ईको हट्स और काटेज मिलेंगे। कैफेटेरिया, किचन, शौचालय, पेजयल व्यवस्था से लेकर कूड़ा निस्तारण का प्रबंध भी किया जाएगा। निर्माण में कंक्रीट सामग्री की बजाय लकड़ी का इस्तेमाल ज्यादा किया जाएगा।
पास में नंधौर सेंचुरी का जंगल होने के कारण लोगों के पास घूमने का एक बेहतर विकल्प भी होगा। डीएफओ कुंदन ने बताया कि ईको विलेज से स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध होगा। नंधौर ईको विलेज में ठहरने के लिए पर्यटक www.nandhaurwildlife.uk.gov.in पर जाकर बुकिंग कर सकेंगे।
नंधौर ईको विलेज में रखरखाव से लेकर नेचर गाइड का जिम्मा युवाओं को सौंपा जाएगा। भोजन के तौर पर पर्वतीय व्यंजन परोसे जाएंगे। ईको विलेज के आसपास राजस्व गांव भी पड़ते। गाइड के तौर पर स्थानीय युवक पर्यटकों को गांव का भ्रमण करा ग्रामीण जनजीवन से रूबरू करवाएंगे। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के तैयार किए गए उत्पाद ईको विलेज में बिक्री के लिए रखे जाएंगे।
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