सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आईएफएस अफसर राहुल के खिलाफ विभागीय जांच तीन महीने में पूरी करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने केंद्र को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आईएफएस अफसर के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी एक महीने के भीतर देने का निर्देश दिया।
चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्देश तब दिया, जब पता चला कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने बाकी
सीबीआई चलाएगी सीसीएफ राहुल के खिलाफ केस
देहरादून। शासन ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व निदेशक व मुख्य वन संरक्षक राहुल के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। प्रकरण में प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन को अनुशासनिक कार्रवाई के लिए जांच अधिकारी भी नामित किया है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो में सफारी बनाए जाने में नियम विरुद्ध निर्माण, वृक्षों के अवैध पातन का मामला सामने आया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की है। सीबीआई ने करीब पांच माह पूर्व शासन से सीसीएफ राहुल के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी थी। ब्यूरो
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी दी, लेकिन राहुल को विशेष पोस्टिंग दी गई थी, जबकि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने उन पर नकारात्मक टिप्पणियां की थीं।
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि इस अफसर को विशेष छूट क्यों दी गई? अदालत ने कहा कि अब विभागीय जांच तेजी से पूरी होनी चाहिए। एजेंसी
Leave a Reply