मिड डे मील) में तीन करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने वाले उपनल कर्मी के खिलाफ विभाग ने मुकदमा दर्ज करा दिया है। कर्मचारी के ओर से बीते तीन साल से किया जा का घोटाला विभागीय ऑडिट में सामने आया।
मामला शिक्षा विभाग के पीएम पोषण प्रकोष्ठ का है। इसमें तैनात उपनल कर्मी एमआईएस समन्वयक नवीन सिंह रावत के खिलाफ शासकीय धन गब्बन और दुरुपयोग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। विभागीय जांच में सामने आया है कि नवीन ने बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही मिड डे मील योजना में 3.15 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। नवीन इस कार्यालय में करीब 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं। योजना के संचालन के लिए विभाग की ओर से केनरा बैंक शाखा, राजपुर रोड में खाता संचालित है। जिसे 10 अक्तूबर 2022 से सीएसएस पोर्टल पर नेट बैंकिंग के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। सीएसएस पोर्टल पर इस खाते को नेट बैंकिंग के विभागीय अधिकारियों को नहीं लगी भनक नवीन तीन साल से करोड़ रुपये का घोटाला कर रहा था, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि यह पूरा खेल लंबे समय से चलता रहा, लेकिन विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि बच्चों के भोजन की खरीद व अन्य कार्यों के लिए विभागीय अधिकारियों की अनुमति लेनी पड़ती है। उधर विभागीय ऑडिट में यह बात सामने आई है कि विद्यालयों में भेजे जाने वाले राशन और सामान की रसीदें और बिल बनाकर भुगतान नवीन ने अपने ही खाते में ट्रांसफर कराए। यही नहीं, कुछ बिल ऐसे फर्मों के नाम पर बने मिले जो कभी अस्तित्व में थी ही नहीं।
सुद्दोवाला निवासी नवीन सिंह रावत के खिलाफ शासकीय धन गबन और दुरुपयोग के आरोप में रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। विभागीय जांच में 3.15 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इसके अलावा शासकीय धन की वसूली करवाने के संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रेम लाल भारती, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)
माध्यम से संचालित करने के लिए नवीन को मेकर के रूप में अधिकृत किया गया था। लेकिन बीते तीन साल
से नवीन नेट बैंकिंग के जरिये खाते के पैसे अपने और अपने परिजनों के खाते में जाम करा रहा था।
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