सीएमओ कार्यालय से हुई फाइल गायब, मचा हड़कंप।

देहरादून : यूं तो उत्तराखंड में विभागो से फाइनल गायब होना कोई बड़ी बात नहीं है। नगर निगम में तो कई वर्षों से यह काम हो रहा है लेकिन सीएमओ कार्यालय से जांच हो रहे कर्मचारियों की फाइल गायब होना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। और चौंका देने  वाली बात है कि सीएमओ कार्यालय से कैसे एक फाइल गायब हो जाती  है।

सीएमओ से फाइल गायब होने के बाद एसीएमओ द्वारा पुलिस मैं शिकायत दर्ज कराई गई और कोतवाली के चार कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

मामले  की जांच में एसपी सिटी प्रमोद कुमार  द्वारा बताया गया को एसीएमओ दिनेश चौहान ने नवंबर में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था की वर्ष 2015  आई एम ए ब्लड बैंक में तैनात मनोज बिष्ट के  खिलाफ विभागीय जांच हुई थी। लेकिन, अब  इससे जुड़ी सारी पत्रावलियां अचानक गायब हो गईं। कई बार ढूढने के बावजूद भी फाइल हाथ नही लगी। इस शिकायत में एसीएमओ की ओर से किसी कर्मचारी का नाम नहीं बताया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के नाम की जानकारी सीएमओ कार्यालय से मांगी थी। इस पर अब एसीएमओ की ओर से बताया गया है कि बिष्ट की इस जांच से जुड़ी पत्रावलियां 2018 तक तत्कालीन प्रधान सहायक अजय कन्नौजिया के पास थी

अब कन्नौजिया स्वास्थ्य महानिदेशालय कार्यालय में तैनात हैं। उनके बाद सीएमओ कार्यालय में प्रधान सहायक के तौर पर रविंद्र डोगरा, कनिष्ठ सहायक अभिषेक त्रिपाठी और प्रधान सहायक अश्वनी आर्य जांच अनुभाग में तैनात रहे। इस वक्त डोगरा पौड़ी सीएमओ कार्यालय में तैनात हैं। इन सभी लोगों से बारी-बारी से पत्रावलियों के संबंध में जानकारी ली गई थी लेकिन उन्होंने कोई वाजिब जवाब नहीं दिया। एसपी सिटी ने बताया कि अब इस मामले में अजय कन्नौजिया, रविंद्र डोगरा, अभिषेक त्रिपाठी और अश्वनी आर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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