बाबा की डोली ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए हुई रवाना

रुद्रप्रयाग-भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भुकुंट भैरव पूजन के साथ 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा का विधिवत आगाज हो गया है। भक्तों के सहयोग से मंदिर समिति द्वारा ओंकारेश्वर मंदिर को विभिन्न प्रजाति के 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

 

चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल से यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से होने जा रहा है। 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे, जिसके तहत 27 अप्रैल रविवार को बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भुकुंट भैरव की पूजा के साथ केदारनाथ यात्रा का आगाज हो गया है। इसके बाद 28 अप्रैल आज आर्मी बैंड की धुनों और भक्तों के जयकारों के साथ भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ से कैलाश के लिए रवाना होगी। डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए एक मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी और दो मई को भगवान केदारनाथ के कपाटप्रातः कालीन बेला पर वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे।

 

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के साथ ऊखीमठ से केदारनाथ धाम तक पद यात्रा में शामिल होने वाले सैकड़ों तीर्थ यात्री ऊखीमठ पहुंच चुके हैं। केदारनाथ धाम में मंदिर समिति के 18 सदस्यीय दल द्वारा एक मई तक सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केदारनाथ यात्रा के यात्रा पड़ावों पर व्यापारियों के रूख करने से यात्रा पड़ावों पर धीरे-धीरे रौनक लौटने लगी है।

 

जानकारी देते हुए केदारनाथ मंदिर प्रभारी यदुवीर पुष्पवाण ने बताया कि रविवार देर शाम ओंकारेश्वर मंदिर में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भुकुंट भैरव की पूजा विधि विधान से संपन्न की गई. स्थानीय जनता द्वारा नए अनाज का भोग लगाकर आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की गई। उन्होंने बताया कि भैरव पूजन और भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने के पावन अवसर पर गंगोत्री धाम के रमेश जी महाराज के सहयोग से ओंकारेश्वर मंदिर को विभिन्न प्रजाति से 8 क्विंटल फूलों से सुसज्जित किया गया है।

 

आज सोमवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना होगी और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए एक मई को केदारनाथ धाम पहुंचकर भंडार गृह में विराजमान होगी और दो मई को ब्रह्म बेला पर भगवान केदारनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे।

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