चमोली में जली हुई कार में मिले महिला का कंकाल की गुत्थी सुलझी, पुरुष का भी हुआ शव बरामद।
अप्रैल को उत्तराखंड के चमोली जिले में सुभाई मोटर मार्ग पर चांचड़ी गांव के पास जली हुई कार में मिले महिला के बुरी तरह जले हुए शव की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। महिला के साथ जो पुरुष कर्नाटक नंबर की रिट्ज कार में आया था, उसका शव भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुरुष का शव कार वाले घटनास्थल से करीब 150 मीटर दूर गहरी खाई में मिला। यह बात भी उजागर हुई कि महिला और पुरुष का संबंध भाई-बहन का था।
चमोली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सर्वेश पंवार के अनुसार जिस कार (KA 01AG0590) से मृतक भाई-बहन सुनील सेनापति और श्वेता सेनापति चमोली के तपोवन क्षेत्र में पहुंचे थे, वह उनके भाई संतोष सेनापति के नाम पर दर्ज है। कार भले ही कर्नाटक नंबर की है, लेकिन मृतक ओडिशा के रायगढ़ के रहने वाले थे।
सेनापति परिवार कारोबार के सिलसिले में 15-16 साल पहले विशाखापत्तनम शिफ्ट हो गया था। लेकिन, घाटा होने के कारण वह बंगलुरू चले गए। माता-पिता की मौत के बाद कारोबार खड़ा करने के लिए तीनों भाई बहन ने खूब हाथ पैर मारे। लेकिन, कोरोनाकाल में बड़े भाई संतोष की मौत के बाद रही सही उम्मीद भी टूटने लगी थी।
इसके बाद भी श्वेता और सुनील ने हार नहीं मानी और किसी तरह जगह जगह से पैसों का इंतजाम कर दोबारा व्यापार शुरू किया। दोनों ने हरिद्वार में साड़ी का कारोबार किया और यहां भी घाटे ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। थक हारकर श्वेता और सुनील चमोली के तपोवन में आ गए और 05 अप्रैल को मौत को गले लगा लिया।
पुलिस के अनुसार जली कार के पास से जहर की एक शीशी भी मिली थी। जिससे अंदेशा है कि पहले श्वेता ने जहर गटका और फिर सुनील ने कार को आग लगा दी। उसके बाद सुनील ने खुद भी जहर गटक लिया। हालांकि, मौके पर सुनील के न पाए जाने पर श्वेता की मौत को हत्या भी माना जा रहा था। लेकिन, 04 दिन बाद सुनील का शव मिलने और इस बीच पुलिस की जांच में सामने आई हकीकत ने पूरी कहानी से पर्दा उठा दिया।