आगामी 9 सितंबर को होने वाले भारत के उप-राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस ने इस चुनाव को सत्तारूढ़ एनडीए के खिलाफ एक “वैचारिक लड़ाई” करार दिया है और विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से बेहतर बताया है.
हालांकि दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के कुल 782 सांसदों द्वारा होने वाले इस चुनाव में आंकड़े एनडीए के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि यह लड़ाई सिर्फ संख्या की नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान की आत्मा की है. कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि सांसद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट देंगे. पार्टी ने अपने सांसदों को 8 सितंबर को दिल्ली में एक बैठक के लिए बुलाया है, जिसमें वोटिंग प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए मॉक ड्रिल करवाई जाएगी ताकि कोई वोट अमान्य न हो.
कांग्रेस लोकसभा व्हिप मोहम्मद जावेद ने कहा कि उप-राष्ट्रपति का चुनाव पार्टी लाइन पर नहीं होता, इसलिए सभी सांसदों को अपने विवेक से फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जस्टिस रेड्डी राजनीति से दूर हैं और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सभी सांसदों को पत्र भेजकर समर्थन मांगा है. इसके अलावा वे हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों का दौरा भी कर चुके हैं और उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों से अच्छा समर्थन मिला है.
जस्टिससुदर्शन रेड्डी, जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, ने रविवार को एक वीडियो संदेश में सभी सांसदों से अपील की कि वे देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए वोट करें. उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि भारत के संविधान की भावना को मजबूत करने का अवसर है और वे परिणाम को विनम्रता से स्वीकार करेंगे.
कांग्रेस लोकसभा व्हिप मोहम्मद जावेद ने कहा कि उप-राष्ट्रपति का चुनाव पार्टी लाइन पर नहीं होता, इसलिए सभी सांसदों को अपने विवेक से फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जस्टिस रेड्डी राजनीति से दूर हैं और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सभी सांसदों को पत्र भेजकर समर्थन मांगा है. इसके अलावा वे हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों का दौरा भी कर चुके हैं और उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों से अच्छा समर्थन मिला है.
जस्टिससुदर्शन रेड्डी, जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, ने रविवार को एक वीडियो संदेश में सभी सांसदों से अपील की कि वे देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए वोट करें. उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि भारत के संविधान की भावना को मजबूत करने का अवसर है और वे परिणाम को विनम्रता से स्वीकार करेंगे.
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