सहायक अध्यापिका ने फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र से लिया अवकाश, अब हो गई निलंबित

उत्तराखंड : उत्तराखंड में गड़बड़ झाला होने घपेंरौल होना आम बात हो गई। नियम व्यस्था दंड का जैसे किसी। को कोई खौफ नहीं है। हर तीसरे दिन फर्जीवाड़ा और धांधली की खबर सामने आ जाती है।

ताजा मामला  हरिद्वार जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट, का है जहां  बहादराबाद में तैनात सहायक अध्यापिका सुनीता रानी को फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) आशुतोष भंडारी ने की है, जिन्होंने मामले की जांच उप शिक्षा अधिकारी बहादराबाद विनोद कुमार को सौंपी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुनीता रानी  04 नवंबर से 30 नवंबर 2023 तक अवकाश पर थी जिसके बाद उसने  इसके लिए दो चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। लेकिन प्रशासन को कुछ गड़बड़ी का एहसास हुआ तो अधिकारियों द्वारा इन पत्रों की जांच  को है जिसमें यह पुष्टि हुई कि सुनीता रानी द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र संदिग्ध थे। इनमें से एक पत्र अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हरिद्वार का था, जिसमें ना तो कोई दिनांक थी, ना ही पत्रांक, जिससे यह प्रमाण पत्र भी संदेहस्पद हो गए।

सीएचसी बहादराबाद के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुज सिसौदिया ने भी इन प्रमाण पत्रों को फर्जी करार दिया। सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में भी सुनीता रानी के नाम पर किसी चिकित्सा प्रमाण पत्र का पंजीकरण नहीं मिला। इसके बाद, जांच में सुनीता रानी द्वारा प्रस्तुत किए गए स्पष्टीकरण को भी संतोषजनक नहीं पाया गया। इस पूरे मामले की जांच के बाद, उप शिक्षा अधिकारी बहादराबाद की संस्तुति पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सुनीता रानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्हें उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय बहादराबाद में संबद्ध कर दिया गया है।

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