बनभूलपुरा हिंसा: महिला कांस्टेबल को बचाने वाले परिवार को मिल रही जान से मारने की धमकी

हल्द्वानी : 9 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा हिंसा को कोई नहीं भूल पाएगा। किस प्रकार से उपद्रवियों ने बनभूलपुरा में हिंसा का तांडव मचाया था। सबने देखा था कि अतिक्रमण हटाने गई पुलिस की टीम पर किस प्रकार से भीड़ ने पत्थर बरसाए थे और पत्रकारों और आमजनमानस को भी नही बक्शा इस उन्मादी भीड़ ने। हिंसा के दौरान हुई भगदड़ में कई पुलिस वाले घायल हुए कई पुलिस वालों ने लोगों के। घर में छुप कर अपनी जान बचाई। मौके से मिली जानकारी में यह भी मालूम हुआ कि यह उपद्रवी भीड़ महिला पुलिस को टारगेट कर के उनका पीछा कर रही है। जिस कारण कुछ महिला कांस्टेबल ने अपनी जान बचाते हुए स्थानीय घर में ही पनाह ली।

जिस परिवार ने उन महिला पुलिस कर्मियों को अपने घर में छुपने की जगह दी।।अब उस परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही है। जैसे उस परिवार ने महिला पुलिस कर्मियों को बचाकर उन उपद्रवियों के मनसूबों पर पानी फेर दिया हो। क्या वह भीड़ जानबूझकर महिला पुलिस कर्मियों के पीछे पड़ी हुई थी, क्या था उनका इरादा जिसको इस परिवार ने सफल नहीं होने दिया। क्यों वह भीड़ कैसे भी करके इन महिला पुलिस कर्मियों को पकड़ना चाहती थी। अब ऐसे बहुत सवाल उठ रहे हैं।

बहरहाल बनभूलपुरा हिंसा के दौरान महिला कांस्टेबल की मदद करने वाले एक परिवार ने पड़ोसियों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। परिवार ने पुलिस से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है।

 

बनभूलपुरा क्षेत्र के वार्ड नंबर 31, नई बस्ती ठोकर की निवासी महरीन, पत्नी आबिद अहमद, ने मंगलवार को सीओ नितिन लोहनी से मुलाकात की। महरीन ने बताया कि फरवरी में बनभूलपुरा में हुए दंगे के दौरान कुछ लोग एक महिला कांस्टेबल के साथ मारपीट पर उतारू हो गए थे। उस वक्त उन्होंने कांस्टेबल को अपने घर में छिपाकर उसकी जान बचाई थी। महरीन ने शिकायत की कि इस घटना के बाद से उनके पड़ोसी उनसे नाराज हैं।

महरीन ने बताया कि पड़ोसी उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं। उनके पति आबिद ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ मारपीट की गई है और मोहल्ले के कुछ लोग उन्हें घर छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर शहर का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। सीओ नितिन लोहनी ने शिकायत पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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