एफडीए विभाग ने रुद्रप्रयाग में मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर कफ सिरप के लिए नमूने

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर रुद्रप्रयाग में मेडिकल स्टोर्स पर एफडीए विभाग की टीम द्वारा छापेमारी की गई. इस दौरान कई कफ सिरफ जांच के लिए भेजे गए हैं. लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. रविवार को जिला मुख्यालय के कई मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई. साथ मेडिकल संचालकों को सख्त हिदायत दी गई कि पांच वर्ष तक के बच्चों को बुखार, खांसी आदि की दवाईयां बिना डॉक्टर की अनुमति के न दी जाए.

राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद रविवार को रुद्रप्रयाग जिले के मेडिकल स्टोरों में छापेमारी अभियान चलाया गया. स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों और जिलाधिकारियों को भारत सरकार की एडवाइजरी को प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू करने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता.

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि औषधि निरीक्षक चरणबद्ध तरीके से कफ सिरपों के नमूने एकत्र करें और उनकी गुणवत्ता की प्रयोगशाला जांच कराएं, जिससे किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तत्काल हटाया जा सके. सभी चिकित्सकों से बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखने की अपील की है. इसी क्रम में रविवार को औषधि निरीक्षक रुद्रप्रयाग अमित कुमार आजाद ने मेडिकल स्टोर स्वामियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही दो वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है.

अपर आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के निर्देशन के क्रम में रुद्रप्रयाग में छापेमारी की गई। औषधि निरीक्षक अमित आजाद ने रुद्रप्रयाग के विभिन्न मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की कार्रवाही करते हुए 5 कफ सिरप के नमूने एकत्र करके जांच के लिए लैब भेजे हैं. लैब से रिपोर्ट आने के बाद ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

दरअसल, भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार, दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है. केवल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह, सही खुराक और न्यूनतम अवधि के लिए ही इनका उपयोग किया जा सकता है. सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan (डेक्सट्रोमेथोर्फन) युक्त सिरप और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride (क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट + फिनाइलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड) संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है.

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